सुकून
छोटी बिंदी रोज लगाएं दिखलाई देती हो अक्सर मगर एक बदलाव जरूरी होता हफ्ते हर दस दिन पर नहीं जरूरी हो महरूनी लाल रंग भी अच्छा लगता बिंदी बड़ी फबा करती है सच्ची चौड़े से माथे पर कस कर रखना रोज रोज ही बालों को क्या बहुत जरूरी है उकता जाते होंगे यह भी सुनो बात मेरी यह पूरी मोती टपका करते हैं जब गीले बालों में से भाते खुशबू आती है तुममे से महक जैसे मृग कस्तूरी रखी संजोकर बक्से में जो तह कर तुमने इतनी सारी उनमें से वह छापे वाली चंपई साड़ी लगती प्यारी कभी तुम्हें जब फुर्सत हो तब सीधे पल्लू में पहनो ना उल्टी हुई निगाहों की ये दूर करो थोड़ी दुश्वारी #सुकून💔